एसएएपी का अनुमोदन शहरी विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष में एक बार शीर्ष समिति द्वारा दिये गए कार्यक्रम के अनुसार किया जायेगा । शीर्ष समिति एसएएपी को संशोधित कर सकती है और शर्तों के साथ अनुमोदित या अन्तेरों को पाटने के लिए लौटा भी सकती है । अमृत
राज्यों के माध्यअम से यूएलबी को परियोजना राशि उपलब्ध करायेगा । शहरी विकास मंत्रालय द्वारा एसएएपी के मूल्यां कन की कुछेक मानदण्ड निम्वीधसत् हैं :-
- राज्य सरकार ने सेवा स्त रीय अंतरालों का किस निपुणता से पता लगाया है ?
- राज्य ने पूंजीगत व्यपय का किस निपुणता से नियोजन और वित्तयपोषण किया है
- राज्य कितनी भली-भांति जलापूर्ति और सीवरेज/सैप्टेज के सार्वभौम कवरेज की उपलब्धि और तत्पेश्चाित इन दोनों क्षेत्रों और शहरी परिवहन तथा वर्षा जल निकास निर्माण के अन्ये मानकों की ओर बढ़ा है ?
- केन्द्र सरकार से वित्ती्य समर्थन का प्रत्याीशित स्तषर क्याक है और राज्य /यूएलबी ने कितनी अच्छीअ तरह से वित्तापोषण के अन्यम स्रोतों का पता लगाकर उन तक पहुँच बनायी है?
- यूएलबी की जरूरतों की कैसे निष्पणक्षता और समानता से विधिवत विचार किया गया है?
- क्या? नागरिकों, स्थापनीय संसद सदस्योंि और अन्या जन प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के साथ पर्याप्तग परामर्श किया गया है?