Government of India
सभी, विशेष रूप से गरीबों और वंचित व्यक्तियों, के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए परिवारों को मूलभूत सेवाएं (जैसे जलापूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन) और शहरों में सुविधाएं उपलब्ध कराना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है I वर्ष 2011 के दौरान उच्चाधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति (एचपीईसी) ने वर्ष 2009-10 की कीमतों पर 20 वर्ष की अवधि के लिए आवश्यक धनराशि का अनुमान लगाया था I समिति ने अनुमान लगाया कि शहरी अवसंरचना के निर्माण लिए 39.2 लाख करोड़ रू. की आवश्यकता है, जिसमें शहरी सड़कों के लिए 17.3 लाख करोड़ रू. और जलापूर्ति, सीवरेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और वर्षाजल निकासी जैसी सेवाओं के लिए 8 लाख करोड़ रू. शामिल हैं I इसके अतिरिक्त, प्रचालन एवं अनुरक्षण (ओ एंड एम) के लिए आवश्यक धनराशि का अलग-से अनुमान लगाया गया था, जोकि 19.9 लाख करोड़ रू. है I
पूर्व मिशनों से प्राप्त सीखों ने यह दर्शाया है कि अवसंरचना के निर्माण का प्रभाव सीधे रूप से जनता की वास्तविक आवश्यकताओं, जैसे सभी परिवारों को नल और शौचालय कनेक्शन उपलब्ध करना, पर पड़ना चाहिए I इसका अर्थ यह है कि अवसंरचना निर्माण पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जिसका जनता को बेहतर सेवाएं देने के प्रावधान से सीधा संबंध है और यह भारत के राष्ट्रपति ने 9 जून, 2014 और 23 फरवरी, 2015 को संसद के संयुक्त सत्र में अपने भाषणों में स्पष्ट रूप से कहा था I
अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के दिशानिर्देशों के कुछ प्रावधानों में संशोधन I
Page Last Updated On : 02-09-2019